भावोद्गार

2011 06 03, 12:35 दोपहर  
सीमित ज्ञान का अधिकारी जब असीमित के संदर्भ में कोई व्याख्या करने लगता है तो वह सुनने वालों का मन भा लेता है। क्योंकि श्रोता भी तो उसी सीमित ज्ञान के अधिकारी होते हैं।
2012 09 25, 21:40 सायं  
वर्षों पहले लिंडा गुडमैन की किसी पुस्तक में पढ़ा था "ऐक्वेरियन समय से पहले जन्म लेते हैं"
आज दद्दाजी को कहते सुना "राजपन्ना, समय और इंसान की दौड़ में इंसान सदा पीछे रह जाता है"

अचानक समझ में आया कि ऐक्वेरियन समय के पहले जन्मता है ताकि जब समय तेजी से आगे बढ़कर एक ऐसे स्थान पर पहुँच जाये जहाँ इंसान को पहले से ही मौजूद होना चाहिए था ताकि वह समय की लगाम को अपने हाथों में ले सके तथा जनसाधारण को दिशा दे सके